

एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के विभागीय चिकित्सालय एनसीएच में डॉक्टरों व निजी लैब के बीच इन दिनों जबरदस्त तालमेल देखने को मिल रहा है । मरीज को दिए जा रही दवाई व विभिन्न जांचों की पर्ची में बाकायदा निजी लैब्स का नाम लिखकर मरीजों को महंगे दर पर जांच करवाने को मजबूर किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि एनसीएच गेवरा में करवाये जाने वाले टेस्ट निजी लैब्स के बनिस्बत सस्ते होते है ऐसे में मरीजों द्वारा री-एम्बर्समेंट के माध्यम से रकम तो वापस मिल जाता है परन्तु जांच महंगी होने की वजह से सरकारी खजाने को 500 से लेकर 1000 रुपये प्रति टेस्ट का नुकसान झेलना पड़ रहा है । बाजार में भी प्रतिस्पर्धा के कारण कई निजी लैब्स हैं ऐसे में चिकित्सक द्वारा एक विशेष नाम ही बार-बार क्यों लिखा जा रहा है यह समझ पाना ज्यादा मुश्किल काम नही है ।
अस्पताल के अधिकारियों से बात करने पर वे बताते हैं कि चिकित्सकों द्वारा लिखे जाने वाले अधिकांश जांच अस्पताल में ही किये जाते हैं परंतु टेस्ट-किट कि उपयोगिता को बनाये रखने व अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए कुछ टेस्ट्स साप्ताहिक दिनों में आबंटित हैं ,ऐसे में तत्काल जांच करवाने की चाह रखने वाले मरीज निजी लैब्स का रुख करते हैं । परंतु दवाई व जांच पर्ची में ही निजी लैब का नाम लिखकर मरीज को देना कई सवालों को जन्म देता है।
पिछले दिनों एनसीएच के डॉक्टर विजय कुमार द्वारा लिखी जा रही पर्चियों में भी एडवांस डायग्नोस्टिक्स का नाम लिखकर भेजे जाने की शिकायत लगातार आ रही है । जो जांच करने वे मरीजों को बोलते हैं वो विभाग द्वारा प्रतिदिन नही करवाया जाता है परंतु एनसीएच अस्पताल के सामने ही मौजूद एडवांस डायग्नोस्टिक्स में महंगे दामों में मौजूद है ।
इस विषय पर कटघोरा एसडीएम सूर्यकिरण तिवारी से बात करने पर उन्होंने कहा कि इस विषय पर उनके पास अभी तक शिकायत नही आई है परंतु अगर इस तरीके का कार्य किसी डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है तो इसकी जांच करवाई जाएगी व गलत पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी..
