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चुनाव खत्म किंतु मुआवजा रोजगार पर पीड़ित ग्रामीणों ने सुवाभोड़ी अमगांव फेस किया बंद

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SECL ने पुलिस प्रशासन को बुलाकर पीड़ित ग्रामीणों को धमकाया

दीपका//कोरबा:-
देश में तीसरे चरण के आम चुनाव के लिए आम मतदाताओं ने महापर्व के उत्सव में अपना मतदान किया मतदान खत्म होते ही आज ग्राम पंचायत सुवाभोड़ी अमगांव के पीड़ित ग्रामीणों ने दोनों फेस को मुआवजा और आउटसोर्सिंग कंपनियों में रोजगार को लेकर कोयला खदान के मिट्टी व कोयले कार्य में लगे मशीनों को बंद कर प्रदर्शन करने लगे घंटो प्रदर्शन के बाद एसईसीएल के अधिकारी मौके पर पहुंचे ग्रामीणों को समझने का काफी प्रयास किया लेकिन नहीं माने इस बीच में एसईसीएल दीपका प्रबंधन ने ग्रामीणों की प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस को बुलवाकर ग्रामीणों के अंदर भय डर दिखाकर आंदोलन को समाप्त करने का प्रयास किया गया लेकिन ग्रामीण अपने आंदोलन में डटे रहे और कहा कि पुलिस बुला लो या जेल करवा दो मुआवजा का भुगतान आपको करना पड़ेगा ।

ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम पंचायत सुवाभोड़ी के मुआवजे को लेकर प्रबंधन अनेक बधाये उत्पन्न कर रही है जिसके कारण मुआवजा प्राप्त करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है दस्तावेजों को इतनी जटिल कर दिया गया है जिसके कारण मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है इसे सरल किया जाना बहुत जरूरी है पिछले दिनों भूविस्थापितों के प्रतिनिधित्व करने वाले मनीराम भारती का भी मुआवजा संबंधित दस्तावेज पूर्ण करने के बाद भी मुआवजा का भुगतान एसईसीएल दीपका प्रबंधन नहीं कर रहा था जिसके कारण अर्धनंग प्रदर्शन करके मुआवजा का भुगतान करने पर विवश हुआ ।

दूसरी ओर अमगांव पंचायत के ग्रामीणों ने अमगांव फेस पर सुबह 10 बजे से ही कार्य में लगे मशीनों को बंद कर दिया गया आउटसोर्सिंग कंपनियों में रोजगार देने के लिए एसईसीएल दीपका प्रबंधन वादा किया था दो माह बीत जाने के बाद भी एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा अमगांव के बेरोजगार नौजवानों को अभी तक आउटसोर्सिंग कंपनियों में नियोजित नहीं कर पाया जिससे नाराज ग्रामीणों ने दीपका कोयला खदान के खनन कार्य में लगे मशीनों को बंद कर दिया ।

बताना लाजिमी है कि इतनी भीषण गर्मी के बावजूद भी अपनी मुआवजा रोजगार को लेकर सड़कों में संघर्ष करना पड़ रहा है गरीब ग्रामीण किसान करे तो क्या करें अपने परिवार के लिए रोजी-रोटी की उत्तम व्यवस्था एसईसीएल प्रबंधन की जिम्मेदारी है लेकिन अपने जिम्मेदारी को ठीक से नहीं निभा रही है गरीब ग्रामीण किसान को आंदोलन करने पर विवश किया जा रहा है मुआवजा को लेकर दस्तावेजों को जटिल किया गया है इसे सरल किया जाना अति आवश्यक है ।

जमीन है तो किसानो की जीवन निर्भित है:- मनीराम भारती

समाज सेवक मनीराम भारती ने जारी प्रेस बयान में कहा है कि गरीब किसान का जमीन ही सब कुछ है जमीन से ही उनके जीवनयापन होता है जमीन से ही उनके घर द्वार बाल बच्चों का पढ़ाई लिखाई शादी पर विवाह हो सकता है आज जिस तरह से एसईसीएल और प्रशासन के द्वारा जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है जमीन का तो अधिग्रहण कर लेते हैं लेकिन गरीब किसान ग्रामीण अपनी आर्थिक व्यवस्था को मजबूत नहीं कर पाते इसका पीछे का कारण एसईसीएल की पॉलिसी नियम कानून गरीब किसान ग्रामीण के अंदर और कमजोर बना देती है सालों सालों से अपनी मुआवजा रोजगार पुनर्वास को लेकर दफ्तरों के चक्कर काटते-करते उम्र हो जाती है लेकिन समाधान किसी भी संबंधित विभाग या अधिकारी से नहीं हो पता इस वजह से गरीब किसान ग्रामीण को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ता है पीड़ित किसान ग्रामीण कर्ज में और डूब जाते हैं जिसके कारण किसान को आत्महत्या करने के लिए एसईसीएल प्रेरित करता है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए ।

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