
तिलकेजा में धान की खेती में भूरा माहो का प्रकोप शुरू हो गया है धान की फसल में बाली आने के पूर्व बीमारी का प्रकोप शुरू हो गया है किसान दुकानदारों का सलाह लेकर दवाई का छिड़काव कर रहे हैं जिससे बीमारी नियंत्रण होते नजर नहीं आ रहा है कृषि विभाग के अधिकारी अन्य कामों में व्यस्त हैं इसी लापरवाही का खामियाजा गत वर्ष भुगतना पड़ा है शासन से मिलने वाली क्षति पूर्ति ( फसल बीमा )तिलकेजा के आसपास के गांव के किसानों जैसे सराईडीह ,बगबुड़ा, पहन्दा,पटाढ़ी, दादर के किसानों को फसल बीमा की राशि दी गई किंतु तिलकेजा के किसी भी किसानों फसल बीमा की राशि नहीं दी गई जो चिंतनीय है जबकि समाचार पत्रों के माध्यम से एवं उपसंचालक कोरबा को कृषक दुलीचंद धीवर के द्वारा लिखित शिकायत की गई थी जिसके फलस्वरूप उपसंचालक शुक्ला एस डी ओ गौतम एवं कृषि वैज्ञानिक के द्वारा गांव में पहुंचकर जांच की गई थी जो ठंडा बस्ता में चला गया है जिसके कारण किसानों को लाभ नहीं मिल सका है लिखा पोती करके प्रतिवेदन बनाकर भेज दिया गया इस प्रकार सरकार को गुमराह कर रहे हैं जो हास्यास्पद है तिलकेजा के आस-पास के किसानों को विगत वर्ष फसल बीमा की राशि दिया गया है तिलकेजा के किसानों को नहीं मिला है कृषि विभाग के अधिकारी को संपर्क करने पर गोलमोल जवाब देते हैं तिलकेजा के किसानों के द्वारा शिकायत करने का खामियाजा भुगत रहे है


