ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नोलॉजी एजुकेशन ने इंजीनियरिंग में दाखिला लेने वाले छात्रों को एक बहुत बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल, AICTE ने इंजीनियरिंग में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए अब 12वीं कक्षा में गणित और फिजिक्स की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है और इसे वैकल्पिक बना दिया है। यानि कि अब जो छात्र इंजीनियरिंग में दाखिला लेना चाहेगा, उसे 12वीं में ये दो सबजेक्ट पढ़ना जरूर नहीं होगा।

दरअसल, अब इस साल से जिन विद्यार्थियों ने बारहवीं कक्षा में भौतिकी, गणित व रसायन विज्ञान की पढ़ाई नहीं की होगी, वे भी इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। छात्रों को एआईसीटीई के संशोधित नियमों के अनुसार, इंजीनियरिंग के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करने में सक्षम होने के लिए बारहवीं कक्षा में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों की जरूरत होगी और 14 विषयों की सूची में से तीन विषयों में उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा। संशोधित नियमों में तकनीकी नियामक ने 14 विषयों- भौतिकी, गणित, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस, जैव प्रौद्योगिकी, तकनीकी व्यावसायिक विषय, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, व्यावसायिक अध्ययन, अंत्रप्रेन्योरशिप विषयों को सूची में शामिल किया है।
विविध पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय उपयुक्त पाठ्यक्रम जैसे कि गणित, भौतिक, इंजीनियरिंग ड्राइंग इत्यादि पेश करेगा। अभी तक बीई, बीटेक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए बारहवीं कक्षा में गणित और भौतिक विषय जरूरी होता था, लेकिन अब इसकी अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है।
एआईसीटीई की नई रूल बुक के मुताबिक, अब इंजीनियरिंग के स्नातक कोर्सों एवं टेक्नोलॉजी कॉलेजों में दाखिले के लिए बारहवीं में गणित और भौतिक विषय की अनिवार्यता नहीं रहेगी। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से विविध पृष्ठभूमि के छात्र भी इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला ले सकेंगे।
एआईसीटीई के उपाध्यक्ष एमपी पूनिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमने भविष्य को ध्यान में रखते हुए एनईपी के साथ अपने नियमों को जोड़ दिया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यह कॉमर्स बैकग्राउंड के एक छात्र को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने में सक्षम करेगा। बशर्ते कि वह नियमों में सूचीबद्ध 14 विषयों में से किसी तीन में कम से कम 45 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण किया हो